Diwali Shubh Muhurat 2023 दीपावली लक्ष्मी पूजा के लिए सबसे शुभ मुहूर्त कोनसा है, पूजन विधि सब कुछ जाने

By | March 5, 2024
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दीपावली का पर्व लोगो के लिए बेहद खास और महत्वपूर्ण होता है, क्युकी इस दिन माँ लक्ष्मी की पूजा की जाती है, और श्री राम वनवास से लोटे थे। इस दिन लोगो महा लक्ष्मी की पूजा घर और अपने कार्य स्थलों पर करते है। 2023 में दीपावली का पर्व 12 नवम्बर को मनाया जायेगा। जो हिंदी पंचांग के अनुसार कार्तिक माह के अमावस्या तिथि है।

Diwali Shubh Muhurat 2023

आप जानते है की माँ लक्ष्मी धन की देवी है, इसलिए लोगो अपने घरो और कार्य स्थलों पर पूजा-पाठ और अन्य कार्यों के लिए शुभ मुहूर्त को जानना चाहते है। ज्योतिष सास्तर के अनुसार हम बतादे की इस साल दीपावली 12 नवम्बर दोपहर 2 बजकर 45 मिनट से 13 नवंबर दोपहर 2 बजकर 57 मिनट तक का समय है। इस लिए दीपावली और माँ लक्ष्मी की पूजा 12 नवम्बर को की की जाएगी। क्या आप अपने कार्य स्थल और घर के लिए शुभ मुहरत जानना कहते है, तो आपको लक्ष्मी पूजन बेस्ट मुहरत और पूजन विद्गी की जानकारी निचे डिटेल में दी गई है।

Diwali Shubh Muhurat 2023 दीपावली लक्ष्मी पूजा के लिए सबसे शुभ मुहूर्त कोनसा है, पूजन विधि सब कुछ जाने

Laxmi Puja Shubh Muhurat 12 November 2023

इस वर दीपावली में घर और कार्य स्थल पर माँ लक्ष्मी के पूजन के लिए 06 मुर्हत है। जिसमे सबसे शुभ मुर्हत 12 नवम्बर को शाम 05 बजकर 38 मिनट से 07 बजकर 35 मिनट तक रहेगा। और आप अगर अपने कार्य स्थल (ऑफिस, दुकान, फैक्ट्री आदि) पर पूजा के बाद घर पर पूजा में शामिल होना चाहते है। तो आप इन शुभ मुर्हत को भी पूजा कर सकते है।

शाम 5:40 से रात 8:16 तक
शाम 5:40 से रात 7:30 तक
दोपहर 1:15 से दोपहर 2:58 तक

Diwali Pujan Samagri List (दिवाली में माँ लक्ष्मी की पूजा में कोनसी सामग्रीया महत्वपूर्ण है)

आप जानते ही होंगे की किसी भी पूजा के लिए सामग्री अत्यधिक महत्वपूर्ण होती है। तो आज हम दीपावली में माँ लक्ष्मी गणेश जी और कुबेर की पूजा में शामिल की जाने वाली सामग्रियों जे बारे में बतायेगे।

  • पूजा में मूर्ति स्थापना के लिए एक चौकी
  • चौकी पर रखने के लिए लाल कपड़ा
  • भगवान गणेश और मां लक्ष्मी की प्रतिमा या फोटो जो भी आपके पास उपलब्ध हो
  • अब पूजा में स्तेमाल होने वाली सामग्री जिसमे दीपक (पूजा में दो दे दीपक और 11 छोटे दीपक), दीपक जलाने के लिए घी, सुपारी, लौंग, इलायची, साबुत चावल के दानें, तांबे या पीतल का कलश, दो नारियल, आम के पत्ते, पान के पत्ते, अशोक के पते, कुमकुम, हल्दी की गाठ, दूर्वा, मौली, जल पात्र, गंगाजल, पुष्प, कमल का फूल (कमल का फूल माँ लक्ष्मी जी को अति पिर्य है।), मीठे बताशे, खील, मिठाई (मिठाई में आप गुलाबी, लाल और सफेद रंग की मुथाई शामिल करे), फल, सरसों का तेल (अन्य दीपक जलाने के लिए), धूप, अगरबत्ती आदि। इसके आलावा आप गणेश जी की पूजा के लिए मोती चरु के लड्डू, बेसन के लड्डू आदि शामिल कर सकते है।

दीपावली पर माँ लक्षणी की पूजा विधि (Lakshmi Puja Vidhi)

  • सबसे पहले आप पूजा के लिए स्थान चुने या घर के पूजा स्थान पर पूजा कर सकते है। आप जहा पूजा करना चाहते है, उसे साफ करे।
  • पूजा के लिए आप ईशान कोण उत्तरी दिशा को चुन सकते है।
  • अब आप यहाँ एक चौकी रखे और उस पर लाल आपदा बिछाये।
  • अब आप यहाँ मुट्ठी भर अनाज रखें और मूर्ति या मालक्ष्मी की फोटू, कलश (कलश में पानी भरकर एक सुपारी, गेंदे का फूल, एक सिक्का एवं कुछ चावल के दाने डेल हुए हो, और कलश पर आम के पत्ते रखे)
  • आप अब पानी में गंगाजल मिलकर मूर्तियों को इसनान करवाए।
  • अब आप पूजा शुरू करने के लिए माँ लक्ष्मी, गणेश जी और कुबेर की मूर्ति को तिलक करे और दीपक प्रज्वलित करे।
  • अब आप भगवान गणेश और लक्ष्मी को फूल चढ़ाएं तथा हल्दी, कुमकुम, चावल, फूल माला, नारियल, सुपारी, पान का पत्ता माता को अर्पित करे।
  • आप अब भोग लगाने के लिए फल, मिष्ठान, पकवान आदि का उपयोग करे।
  • अब आप पूजा के लिए गणेश जी, माता लक्ष्मी जी की आरती गए।

गणेश जी की आरती (Bhagvan Ganesh ji ki Aarti)

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी ।
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी ॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा ।
लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा ॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया ।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

‘सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी ।
कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी ॥

जय गणेश जय गणेश,जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

लक्ष्मी जी की आरती (Laxmi Mata Ki Aarti)

ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता ।
तुमको निसदिन सेवत, हर विष्णु विधाता ॥
उमा, रमा, ब्रम्हाणी, तुम ही जग माता ।
सूर्य चद्रंमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥

दुर्गा रूप निरंजनि, सुख-संपत्ति दाता ।
जो कोई तुमको ध्याता, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥

तुम ही पाताल निवासनी, तुम ही शुभदाता ।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशनी, भव निधि की त्राता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥

जिस घर तुम रहती हो, ताँहि में हैं सद्‍गुण आता ।
सब सभंव हो जाता, मन नहीं घबराता ॥
।।ॐ जय लक्ष्मी माता…॥

तुम बिन यज्ञ ना होता, वस्त्र न कोई पाता ।
खान पान का वैभव, सब तुमसे आता ॥
ॐ जय लक्ष्मी माता…॥

शुभ गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि जाता ।
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता ॥
।।ॐ जय लक्ष्मी माता…॥

महालक्ष्मी जी की आरती, जो कोई नर गाता ।
उँर आंनद समाता, पाप उतर जाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥

इस पेज में आपको दीपावली पर माँ लक्ष्मी की पूजा का मुर्हत हिंदी पंचांग और ग्रह नक्षत्रो से बताये गए है। जिसकी पूर्ण सत्यता का हम दवा नहीं करते है। आप पूजा के लिए मुर्हत किसी जोतिस शास्त्री या मंदिर के पुजारी से ले सकते है। allindianresult.in की और से आप सभी को दीपावली की सुभकामनाये।

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